नए साल में एसएसपी हरिद्वार की धमाकेदार शुरूआत

नए साल के पहले दिन आदतन अपराधियों पर कप्तान की सर्जिकल स्ट्राइक से अपराधी हुए बेदम

कप्तान के आदेश पर चिन्हित 92 आदतन अपराधियों पर गैंगस्टर/गुंडा एक्ट के तहत की गई कार्रवाई

कुख्यातों की कमर तोड़ने का काम कर रही हरिद्वार पुलिस

नए साल के उपलक्ष्य में कप्तान ने लिखी 92 अपराधियों की कुंडली, बताया भविष्य- “सभी को मिलेगी जेल या होंगे जिला बदर”

गुंडा एक्ट में निरुद्ध अभियुक्तों को नियमानुसार दिखाया जाएगा जनपद से बाहर का रास्ता

आमजन के विश्वास पर खरा उतरने के साथ-साथ अपराधियों का काल बनेगी हरिद्वार पुलिस- एसएसपी

जनपद में अपने आगमन के बाद से ही कानूनी मामलों में पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल हमेशा से बेहद सख्त रहे हैं। इनकी सख़्ती और शार्प नेतृत्व का ही असर है कि जनपद के इक्का दुक्का मामलों को छोड़कर कोई भी बड़ी घटना होने के कुछ ही दिनों बाद उसका खुलासा हो जाता है और अपराधियों को भारतवर्ष के कोने-कोने से पकड़कर जेल भेजा जाता है। आज नववर्ष में जहां पूरा देश एक दूसरे को सहर्ष बधाइयां देने में व्यस्त है तो वहीं कुछ दिन पहले से कुख्यात अपराधियों को गहरी चोट पहुंचाने को श्री डोबाल द्वारा एक खाका तैयार किया जा रहा था। जिसको आज नए साल के पहले दिन अमलीजामा पहनाया गया।

दूरगामी लक्ष्य साधने की अपनी काबिलियत का उदाहरण पेश करते हुए नए साल के पहले दिन ही श्री डोबाल द्वारा अचानक की गई सर्जिकल स्ट्राइक से नींद से जागे आदतन अपराधियों के लिए एक बुरे सपने की तरह साबित हुई साथ ही सभी को एक परोक्ष चेतावनी भी है कि सुधरे नहीं तो कानून की किताब, सुधारने के और भी तरीके जानती है।

जनपद में सक्रिय विभिन्न गैंग के चिन्हीकरण के बाद एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा दिए गए स्पष्ट दिशा-निर्देश के क्रम में जनपद में गैंगस्टर के 14 मुकदमें दर्ज किए गए जिसमें 45 गैंगस्टर को नामजद किया गया वहीं 47 गुंडा तत्वों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

कौन होता है गैंगस्टर?

दरअसल हमारे समाज में ऐसे कई अपराधी हैं जो संगठित होकर अपराध को अंजाम देते हैं। अपराध करने का इनका मुख्य मकसद समाज में दहशत फैलाते हुए अपनी आजीविका चलाना है। जैसे अन्य लोग काम कर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, उसी तरह यह लोग समूह में अपराध कर अपना जीवनयापन करते हैं। ऐसे में इस गिरोह के प्रत्येक व्यक्ति को गैंगस्टर कहा जाता है। पुलिस द्वारा तैयार गैंगचार्ट के हिसाब से ही जिले के डीएम और एसएसपी आरोपी को गैंगस्टर घोषित करते हैं।

क्या होता है गैंगस्टर एक्ट

गैंगस्टर एक्ट का प्रावधान इसलिए लाया गया कि जो लोग असल में अपराधी हैं वे गैंग चलाकर समाज में दहशत फैलाते हैं, ऐसे लोगों के विरुद्ध मजबूत कानूनी कार्रवाई की जा सके। दरअसल कई बार अपराधी व्यक्तिगत तौर पर अपराध करने के बजाय एक गिरोह बनाकर अपराध करते हैं जैसे हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी आदि ऐसी घटनाओं को मिलकर अंजाम देते हैं। ऐसे में इन्हें रोकने और लंबे समय तक जेल में रखने के लिए साल 1986 में गैंगस्टर एक्ट बनाया गया।

कितना घातक होता है अपराधियों के लिए गैंगस्टर एक्ट

इस एक्ट में दोषी अपराधी को न्यूनतम दो साल और अधिकतम दस साल सजा दिए जाने का प्राविधान है। गैंग बनाकर अर्जित की गई चल एवं अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया है।

गुंडा एक्ट लगने के क्या हैं मायने

आदतन अपराधियों को एक निश्चित क्षेत्र से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए गुंडा एक्ट बनाया गया है। इस कानून के तहत जनपद के डीएम को गुंडा एक्ट के तहत आदतन अपराधी को जिला बदर करने का अधिकार दिया गया है। थाने से प्रेषित रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा निश्चित अवधि हेतु नामित अभियुक्त को जिलाबदर करने का आदेश जारी किया जाता है जिस पर कार्रवाई करते हुए संबंधित थाना पुलिस द्वारा अभियुक्त को जिले से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। आम भाषा में इसको जिलाबदर की कार्रवाई कहते हैं। नियत अवधि के दौरान जनपद में मौजूदगी मिलने पर अभियुक्त के खिलाफ अलग से मुकदमा दर्ज किया जाता है जो किसी भी अभियुक्त के लिए घातक साबित होता है।

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