देहरादून
15 अगस्त 2024।
देहरादून में होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही नाबालिग का महीनों तक दुष्कर्म होता रहा। पीड़िता 20 सप्ताह की गर्भवती निकली। फास्ट ट्रैक कोर्ट देहरादून ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
देहरादून में पढ़ रही नाबालिग बेटी की देखभाल की जिम्मेदारी पिता ने जिसे सौंपी थी उसी ने अपनी हवस का शिकार बनाकर पीड़िता को डराकर महीनों तक रेप किया। पीड़िता घर पहुंचने पर बीस सप्ताह की गर्भवती निकली तो मामले में केस दर्ज हुआ। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज पंकज तोमर ने 14 अगस्त बुधवार को दोषी को बीस साल कठोर करावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। वहीं पीड़िता को राज्य सरकार से तय प्रतिकर दिलाया जाने का आदेश दिया।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार के अनुसार अंबाला जिला निवासी किशोरी ने मार्च 2018 में देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल से 10वीं की परीक्षा दी। परीक्षा के बाद पीड़िता के परिवार का परिचित दिलावर सिंह निवासी महिमा एंक्लेव लेन नंबर दो, केहरी गांव प्रेमनगर देहरादून हॉस्टल से अपने घर लेकर गया। आरोपी दिलावर की पत्नी नर्स की नौकरी करती है। वह रात को ड्यूटी पर चली गई। आरोप है कि दिलावर ने रात को पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि इसके बाद कई बार जब दिलावर की पत्नी रात को ड्यूटी पर जाती तो वह पीड़िता को अपने घर ले जाता और दुष्कर्म करता। आरोपी ने आखिरी बार दो मई 2018 को घर लाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद तीन मई को पीड़िता को उसके घर अंबाला छोड गया। 28 अगस्त 2018 को पीड़िता की तबीयत खराब हुई। अंबाला अस्पताल में परिजनों ने दिखाया तो वह 20 सप्ताह की गर्भवती निकली। तब 16 वर्षीय किशोरी ने पूरी घटना बताई। परिजनों ने मामले में अंबाला महिला थाने में एफआरआई दर्ज कराई। जिसे जांच के लिए देहरादून ट्रांसफर किया गया। प्रेमनगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। केस ट्रायल पर आया तो सात गवाहों ने बयान सुने गए। कोर्ट ने बुधवार फैसले में दोषी पाए गए दिलावर को 20 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया।