छात्रों की अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया धीमी, नवम्बर तक पूरा करना था लक्ष्य, देहरादून हरिद्वार ऊधमसिंह नगर पिछड़े



बाबर खान

उत्तराखंड/हरिद्वार 09 दिसम्बर 2024।

उत्तराखंड में विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि को ट्रैक किए जाने के लिए AUTOMATED PERMANET ACEDMIC ACCOUNT REGISTRY (अपार आईडी) बनाई जानी है।
छात्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत अध्ययनरत छात्रों के पहचान पत्र तैयार करने का कार्य चल रहा है। यह योजना सरकारी और निजी स्कूलों के कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए है।





देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले इस कार्य में पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं और लक्ष्य पूरा करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

अपार आईडी क्या है?

अपार आईडी एक 12 अंकों की स्थायी पहचान पत्र है, जिसे छात्रों की शिक्षा के दौरान उनके शैक्षिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए बनाया जा रहा है। यह आईडी छात्रों के जीवनभर के लिए होगी और इससे उन्हें अपनी शैक्षिक प्रमाणपत्रों की प्रमाणिकता को सत्यापित करने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार इस परियोजना को लेकर लगातार दबाव बना रही है ताकि सभी छात्रों के लिए यह आईडी समय से बनाई जाए और शिक्षा से संबंधित धोखाधड़ी को रोका जा सके।

दरअसल उत्तराखंड के सभी जिलों को नवंबर 2024 तक छात्रों के 100 प्रतिशत अपार आईडी बनाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अब तक इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका है। राज्य के प्रमुख जिलों, जैसे देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया बहुत धीमी गति से चल रही है। इन जिलों में लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो सका है, जो योजना के लिए चिंताजनक स्थिति है। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया में देरी हो रही है। देहरादून जिले में अब तक केवल 17.32 प्रतिशत छात्रों की अपार आईडी बनाए जा सकी है, जबकि हरिद्वार में यह आंकड़ा 25.59 प्रतिशत और उधम सिंह नगर में 31.31 प्रतिशत है। इन जिलों में इस योजना का कार्य पूरी तरह से धीमा पड़ा हुआ है और अन्य जिलों में भी लक्ष्य को पूरा करने में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

राज्य परियोजना निदेशालय समग्र शिक्षा ने जिलों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि दिसंबर के अंत तक अपार आईडी बनाने का काम पूरी तरह से पूरा किया जाना चाहिए।

अन्य जिलों की स्थिति
अगर हम राज्य के अन्य जिलों की बात करें, तो कुछ जिलों में अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत बेहतर है, फिर भी लक्ष्य से बहुत पीछे है।

अभी तक प्रदेश के छात्रों के अपार आईडी कार्ड बनाये जाने का आंकड़ा जिलेवार इस प्रकार है-

अल्मोड़ा – 49.32%
बागेश्वर – 57.06%
चमोली – 60.24%
चंपावत – 44.87%
देहरादून – 17.32%
हरिद्वार – 25.59%
नैनीताल – 37.13%
पौड़ी – 54%
पिथौरागढ़ – 41.72%
रुद्रप्रयाग – 38.31%
टिहरी – 44.29%
ऊधमसिंह नगर – 31.31%
उत्तरकाशी – 33.53%

किसी भी जिले में 100 प्रतिशत प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, और राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दिसंबर के महीने के अंत तक अपार आईडी का कार्य समाप्त कर दिया जाए।

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