उत्तराखंड में कुओं का होगा जीर्णोद्धार, कुओं के सत्यापन के लिए चलेगा विशेष अभियान

उत्तराखंड/देहरादून

11 अप्रैल 2025।

उत्तराखंड में पुराने कुओं के रख-रखाव के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं। प्रदेश में कुओं का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाएगा, साथ ही रख रखाव के जरिए इन्हें फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा।

बताते चलें, कुएं प्राचीन काल से गांवों से लेकर शहरों तक मीठे और स्वच्छ जल के स्रोत रहे हैं। धार्मिंक और सांस्कृतिक रूप से भी कुंओं का महत्व रहा है। कई जगहों पर कुंए ऐतिहासिक घटनाओं के साक्षी भी हैं। लेकिन समय के साथ बदलती जलापूर्ति व्यवस्था के कारण कुंओं का उपयोग घटता चला गया। वर्तमान में कई जगह कुएं अतिक्रमण या उपेक्षा के शिकार हो चुके हैं। लेकिन इसके लिए सीएम धामी ने बरसात से पहले कुओं की व्यापक सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने निर्देश दिए की ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिए कुओं की साफ सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए।

प्रदेश में कितनी ही जगह कुओं पर अतिक्रमण कर कुओं की पहचान तक को मिटा कर अतिक्रमणकारियों ने मकान, दुकान तक बना दिए है। उम्मीद जताई जा रही हैं कि जल्दी ही प्रशासन कुओं को अतिक्रमण मुक्त कर जीर्णोद्धार करेगा।

https://x.com/OfficeofDhami/status/1910319595149480328?s=08

 

कुंए हमारी सभ्यता के अहम अंग रहे हैं। शहरों से लेकर गांवों तक कई प्राचीन कुंए हैं। हमारा प्रयास है कि इन्हें फिर प्रयोग में लाया जाए, इससे जल संरक्षण के प्रयासों को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्वच्छ जल के प्राकृतिक स्रोत भी संरक्षित हो सकेंगे-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

 

प्रदेश सरकार गेम चेंजर योजना के तहत स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) के जरिए, जल स्रोतों के संरक्षण का प्रयास कर रही है। जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत कुल 6350 महत्वपूर्ण सूखे जल स्रोतों को चिन्हित करते हुए, पेयजल और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण 929 स्रोतों का उपचार किया जा चुका है। साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भूजल रिचार्ज के लिए 297 रिचार्ज शॉफ्ट के निर्माण किये जा चुके हैं। गत वर्ष विभिन्न जल संचय और संग्रहण संरचनाओं के निर्माण से 3.21 मिलियन घन मीटर वर्षा जल रिचार्ज किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर दिए अपने भाषण में प्रदेशवासियों से अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के अभियानों को गति देने का आग्रह व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि उत्तराखंड में अपने नौलों धारों को पूजने की परंपरा रही है, प्रदेश सरकार इसी क्रम में कुओं को भी संरक्षित करने का अभियान शुरू करने जा रही है।

 

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