नए भारत का नया कानून, अब दंड के बदले मिलेगा न्याय : शाह

देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में 3 नए क्रिमिनल विधेयक को पेश किया गया। तीनों नए क्रिमिनल विधेयक लोकसभा में पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहाँ से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। यह तय है कि कानून के बनते ही गुलामी की मानसिकता और अंग्रेजों की निशानी से छुटकारा मिल जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अमृतकाल में गुलामी की निशानी को उखाड़ फेंकने और जन-जन को दंड के बदले न्याय दिलाने की पूरी तैयारी कर ली है। शाह का स्पष्ट मानना है कि इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और इंडियन एविडेंस कोड उस दौर में अंग्रेजों द्वारा थोपे गए ऐसे कानून हैं जो न्याय के लिए नहीं बल्कि दंड के लिए बनाए गए थे।

शाह के इस कदम से अब इंडियन पीनल कोड 1860 का नया नाम भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा,  क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1898 का नया नाम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 होगा और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 का नाम भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 होगा।

बीते 9 वर्षों में यह देखा गया है कि मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो और वादे को बखूबी निभाया है। मोदी सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनते ही धारा 370 और 35 ए को हटा दिया जाएगा। राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक और भारतीय राजनीति के चाणक्य शाह की सख़्त नीतियों के कारण आज धारा 370 और 35 ए हट चुकी है। नतीजतन कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

मोदी-शाह की जोड़ी ने एक तरफ जहाँ मुस्लिम महिलाओं के सम्मान में तीन तलाक को हटाने का वादा पूरा किया तो दूसरी ओर लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देकर देश की मातृ-शक्ति को सम्मान देने का काम भी किया है।

आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लाने का अपना वादा भी भाजपा ने पूरा किया है। इसके कारण तीन हॉट स्पॉट दृ जम्मू.कश्मीर, वामपंथी उग्रवादी क्षेत्र और नॉर्थ ईस्ट-में आतंकी घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है और मृत्यु में 73 प्रतिशत की कमी आई है। पूर्वोत्तर से 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से अफस्पा को हटा लिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here