बाबर खान
हरिद्वार/सिडकुल
01 जुलाई 2024।
बीते माह थाना सिडकुल क्षेत्रांतर्गत चौहान मार्केट रावली महदूद में किराए के मकान में रह रहे युवक का शव मिला था। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक बंद मकान तेज दुर्गध आ रही है। मकान के दिनों से बंद है। सूचना पर पहुँची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो कमरे में शव पड़ा मिला। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शव की शिनाख्त के बाद मृतक के भाई ने थाना सिडकुल में मृतक की प्रेमिका पर जहर देकर मारने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था।
गत माह 28 जून को मृतक लक्ष्मण के भाई श्रीराम पुत्र राधाकृष्ण निवासी ग्राम खजुरिया धुरिया पलिया थाना माधोटाण्डा कलीनगर जिला पीलीभीत उ0प्र0 ने अपने भाई को जहर देकर मारने के संबंध में थाना सिडकुल में तहरीर देकर बताया कि उसका भाई लक्ष्मण पुत्र राधाकृष्ण निवासी ग्राम – बीरखेड़ा माधवटांडा पीलीभीत (उ0प्र0) कुछ माह पहले हरिद्वार आया था जो अंजू देवी पत्नी मधु निवासी ग्राम कुडांव थाना जरमुंडडी पोस्ट राजन मारा कुण्डा दुमका झारखण्ड के प्रेमजाल में फंस कर उसके साथ थाना सिडकुल क्षेत्रांतर्गत चौहान मार्केट रावली महदूद में किराए में कमरा लेकर रिलेशनशिप में रह रहा था, जिसको अंजू देवी ने अपने पति के साथ मिलकर मार दिया है और वे दोनों भाग गए हैं।
तहरीर के आधार पर थाना सिडकुल में मुकदमा अपराध संख्या 333/24 धारा 302, 201 आईपीसी दर्ज होने के बाद जांच में जुटी पुलिस टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य संकलन के साथ साथ मेहनत करते हुए संकरी गली मोहल्लों सहित मुख्य मार्गों के 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कर सर्विलांस के माध्यम एवं सक्रिय किए गए मुखबिर तंत्र की सटीक सूचना पर आरोपी महिला अंजू देवी पत्नी मधु राय निवासी ग्राम कुण्डवे थाना जरमुडी जिला दुमका झारखण्ड
व उसके पति मधु राय पुत्र खूनी राय निवासी ग्राम कुण्डवे थाना जरमुडी जिला दुमका झारखण्ड को बस अड्डे से रानीपुर मोड की ओर आते हुए दबोचा लिया।
इस कारण की गई हत्या-
आरोपी महिला अंजू देवी की शादी लगभग 9 वर्ष पूर्व मधु राय से झारखंड में हुई थी। जहां मधु राय घर जमाई के रूप में रहता था लेकिन जल्दी ही दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव हो गया और मधु राय ने अपनी पत्नी अंजू देवी को मारना पीटना शुरू कर दिया जिससे तंग आकर एक दिन अंजू देवी घर छोड़कर सीधे बरेली चली गई जहां पीलीभीत से काम की तलाश में बरेली आए लक्ष्मण से उसकी मुलाकात हुई। लक्ष्मण उस समय पोकलैंड मशीन चलाता था जल्दी ही दोनों की दोस्ती हो गई और दोनों ने साथ रहना शुरू कर दिया।
एक दिन लक्ष्मण, अंजू को अपने घर पीलीभीत ले गया जहां उसके परिजनों ने शादीशुदा महिला को घर लाने पर आपत्ति जताई जिससे दोनों काम की तलाश एवं रहने के इरादे से हरिद्वार आकर मजदूरी करने लगे और सिडकुल क्षेत्र में रहने लगे।
हरिद्वार में प्रेम शंकर आश्रम में अंजू देवी के कोई परिचित रहते थे जिनसे मिलने कभी-कभी अंजू देवी जाया करती थी वहीं किसी दिन सत्संग के दौरान अंजू देवी की मुलाकात अपने पति मधु राय हो गई जिस पर पुरानी बातों को लेकर दोनों के बीच में गिले शिकवे हुए और कई साल बाद अपने लगभग 8 साल के बेटे को देखकर अंजू देवी को बड़ा अच्छा लगा।
अंजू देवी ने अपने प्रेमी लक्ष्मण को बोलकर अपने कमरे के पास में ही मधु राय व बेटे की रहने की व्यवस्था करा दी और आसपास सभी से कहा कि यह मेरा भाई और यह मेरा भतीजा है। सभी का रोज मिलना जुलना होने लगा। लेकिन वक्त बीतने के साथ जब लक्ष्मण को शक हुआ तो उसने अंजू देवी के साथ मारपीट शुरू कर दी यह बात मधु राय को बहुत बुरी लगी। तब दोनों पति-पत्नी (मधु राय एवं अंजू देवी) ने लक्ष्मण को अपने रास्ते से हटाने का मन बना लिया।
एक दिन मौका पाकर दोनों ने खाने में जहर मिलाकर लक्ष्मण को दिया और उसके बेहोश पर कमरा बंद करके भाग गए थे। उसके बाद पुलिस ने कड़ी मेहनत से हत्या के आरोपियों को अंजाम तक पहुँचाया।
हत्या मामले के खुलासे में पुलिस टीम में थानाध्यक्ष श्री मनोहर सिंह भण्डारी (विवेचक), का0 कुलदीप डिमरी, महिला का0 शान्ता, का0 मुकेश कुमार शामिल रहे।