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पांच दिनों से लगातार पंजाब के किसान हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रशासन के खिलाफ डटे हुए हैं। किसान बॉर्डर पार कर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शंभू बॉर्डर पर प्रशासन ने उन्हें कडी सुरक्षा के दम पर रोका हुआ है। पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की जा रही है। इसके लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है जिनसे निपटने के लिए किसान हर दिन नया तरीका इजाद कर रहे है।
पहले दिन किसान शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रामक नजर आए थे। ऐसे में पुलिस ने उन पर ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इससे निपटने के लिए किसानों ने ड्रोन पर पत्थरबाजी की थी लेकिन इससे उन्हें ही नुकसान हुआ था। किसानों का कहना है कि ऊपर ड्रोन पत्थर मारने के चलते कई पत्थर जब नीचे गिरे तो उनके ही किसान साथियों को चोट आई थी। इसके चलते पहले दिन के बाद उन्होंने पत्थर का प्रयोग नहीं किया है। दूसरे दिन किसानों ने पुलिस के आंसू गैस छोड़ने वाले ड्रोन को रोकने के लिए पत्थर के बजाए टेनिस बॉल का प्रयोग करना शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि जब ड्रोन को हिट करने के बाद बॉल गिरती है तो उससे किसी किसान साथी को नुकसान नहीं होता है।
किसान अब हो गए इंजीनियर
पुलिस के ड्रोन किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं, ऐसे में किसान भी अपना ड्रोन ले आए हैं और पुलिस के हेवी ड्रोन्स पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। किसानों ने अपने ड्रोन के बारे में बात करते हुए कहा कि किसान अब केवल किसान नहीं रहे बल्कि वे भी इंजीनियर बन गए हैं, वे ड्रोन का जवाब ड्रोन से दे सकते हैं। एक किसान ने कहा कि लोहा ही लोहे को काटता है ठीक उसी तरह उनका ड्रोन पुलिस के ड्रोन को रोक सकता है।