आज किसान आंदोलन का पांचवां दिन है। आंदोलन के चलते किसानों के दिल्ली कूच के दौरान शंभू बॉर्डर पर पानीपत जीआरपी में तैनात खरखौदा के वार्ड 10 के रहने वाले सब इंस्पेक्टर हीरालाल की मौत हो गई। जिसका खरखौदा में राजकीय सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वह पानीपत की समालखा चौकी में तैनात थे और किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के बाद शंभू बॉर्डर पर फोर्स के साथ गए थे। बताया जा रहा है कि तबीयत खराब होने से उनकी जान चली गई।
हीरालाल की मौत पर परिवार में मातम छा गया। खरखौदा निवासी हीरालाल (52) जीआरपी में सब इंस्पेक्टर थे। परिजनों ने बताया कि हीरालाल को तीन-चार दिन पहले समालखा चौकी से अंबाला भेजा गया था।
शंभू बॉर्डर पर वह मोर्चा संभाले हुए थे। तबियत खराब होने पर अंबाला के सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां वीरवार देर शाम को उनकी मौत हो गई।
परिवार के सदस्य सूचना मिलते ही अंबाला पहुंचे। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। परिजनो ने पैतृक गांव खरखौदा में शव का अंतिम संस्कार किया। हीरालाल की दो संतान है, पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है।
एक किसान की मौत
गौरतलब है कि किसानों के एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान शूंभू बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में से एक 63 वर्षीय ज्ञान सिंह को दिल का दौरा पड़ा जिससे उनकी मौत हो गई।