बाबर खान।
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने सोमवार को ‘पीएम मुद्रा लोन’ योजना के नाम पर देशभर में ठगी करने वाले एक साइबर गिरोह का पर्दाफाश कर गिरोह के दो ठगों को देहरादून से गिरफ्तार किया।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि गिरोह का सरगना दीपकराज शर्मा अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए राहुल चौधरी उर्फ राहुल कन्नौजिया 30वर्ष और सिद्धांत चौहान 22वर्ष के कब्जे से 1,31,100 रुपये नकद, 64 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड, 10 मोबाईल फोन, दो बैंक के पासबुक और सात बैंकों की चेक बुक भी बरामद की गयी है।
बताया कि गृह मंत्रालय के विभिन्न वेब पोर्टलों से प्राप्त सूचना पर एसटीएफ द्वारा यह कार्रवाई की गयी। गिरोह ने ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलांगना, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के निवासियों के साथ धोखाधड़ी की है। आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा-420/467/468/471/201/34 तथा आईटी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह भी बताया कि योजना के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने में इस्तेमाल होने वाले कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों के पिछले काफी समय से प्रेमनगर क्षेत्र में सक्रिय रहने की सूचना मिली थी। जांच के दौरान विभिन्न मोबाइल नंबरों के डेटा विश्लेषण से पता चला कि कई संदिग्ध बैंक खातों में देशभर से लोगों द्वारा प्रतिदिन 25 से 30 हजार रुपये की किश्तों में लाखों रुपये जमा किये जा रहे हैं। प्रथम दृष्टया प्रकाश में आये तीन संदिग्ध बैंक खातों में पिछले दो माह में ही तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये जमा कराए गए और फिर निकाले गए। यह धनराशि ज्यादातर तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के लोगों द्वारा जमा कराई गयी ।
ऑनलाइन ठगी की इन घटनाओं को गिरोह प्रेमनगर से संचालित कर रहा था लेकिन तकनीक का प्रयोग कर वह अपनी लोकेशन को छुपा रहा था ।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना दीपकराज शर्मा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के विष्णुपर गांव का निवासी है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक राहुल चौधरी उर्फ राहुल कन्नौजिया उसके गांव के पड़ोसी गांव का रहने वाला है जबकि सिद्धान्त चौहान बदायूं जिले का रहने वाला है।
पूछताछ में राहुल चौधरी ने बताया कि वह 12वीं पास है और उसके पास कोई काम नहीं होने के कारण वह दीपकराज शर्मा के साथ गांव से देहरादून आ गया। उसने ही उसे प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में बताया और कहा कि वह लोगों को कॉल करके खुद को सरकारी कर्मचारी बताते हुए उन्हें इस योजना के तहत ऋण स्वीकृत कराने में मदद करने की पेशकश कर इस काम के लिए वह लोगों से ऋण स्वीकृत कराने के लिए कमीशन और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में अपने बैंक खातों में ऋण की धनराशि का पांच से 10 प्रतिशत पैसा जमा करवा लेता था। जैसे ही खातों में धन जमा होने का संदेश आता था, तत्काल एटीएम से पैसे निकाल लिए जाते थे।
उसने बताया कि हर सप्ताह करीब पांच से छह लाख रुपये की ठगी की जाती है।
मिली जानकारी अनुसार, गिरोह का सरगना दीपकराज शर्मा ठगी के पैसों से ही देहरादून के सुद्धोवाला में एक जमीन खरीदकर उस पर अपना हॉस्टल बना रहा है और ठाकुरपुर में नित्या रेडिमेड गारमेंट्स नाम से उसकी एक दुकान भी है। उसकी तलाश जारी है।