देहरादून। CM Dhami should resign with immediate उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट और अंकिता भण्डारी हत्याकांड में साक्ष्य और सबूत मिटाने के गंभीर आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की मांग की है।
प्रेस को संबोधित करते हुए हुए करन माहरा ने कहा कि एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड ने सभी हिमालय राज्यों को महिला अपराध के क्षेत्र में पीछे छोड़ दिया है। महारा ने कहा की राज्य को शर्मसार करने वाले आंकड़े सामने आए हैं।रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में लगभग प्रति वर्ष 905 महिलाओं से दुष्कर्म व 778 का अपहरण हुआ है।
एक ओर कानून व्यवस्था पर एनसीआरबी के ताजा आंकड़े उत्तराखंड को शर्मसार कर देने वाले है, धामी सरकार में उत्तराखंड ने सभी हिमालय राज्यों को महिला अपराध के क्षेत्र में पीछे छोड़ दिया है, रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में लगभग प्रति वर्ष 905 महिलाओं से दुष्कर्म व 778 का अपहरण हुआ है,… pic.twitter.com/SoDwjVFcrT
— Karan Mahara (@KaranMahara_INC) December 25, 2023
अगर देश की बात करें तो देशभर में अपहरण के मामले व महिला अपराध में उत्तराखण्ड छठे पायदान पर है और एनसीआरबी के ताजा रिपोर्ट के के अनुसार 9 पहाडी राज्यों में उत्तराखण्ड दुष्कर्म के मामलों में पहले स्थान पर है। उन्होंने उत्तरकाशी मेें चार अनुसूचित जाति की नाबालिग बच्चियों के साथ हुए बलात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी घोषणा के बावजूद आज तक उन महिलाओं को मुआवजा तक नहीं मिला।
उन्होंने अंकिता भण्डारी के मामले में बोलते हुए कहा कि सरकार व प्रशासन द्वारा अंकिता भण्डारी की जिस रिजोर्ट में हत्या की गई थी उस रिजोर्ट को बिना छानबीन के बुलडोजर से ध्वस्त करते हुए आग लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर बयान के माध्यम से कहा कि बुलडोजर हमने चलवाया जो कि गंभीर अपराध है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में सबूतो और साक्ष्यों को मिटाने के अपराध में मुख्यमंत्री, वर्तमान पुलिस महानिदेशक तत्कालीन एसडीएम, विधायक रेनु बिष्ट पर धारा 201 एवं 102 बी के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही नहीं पौड़ी पुलिस द्वारा कहा गया था कि बुलडोजर चलाने से अंकिता के केस पर कोई फर्क नही पड़ेगा।
रिजॉर्ट में दो बार आग लगवा दी गई ताकि सभी सबूत नष्ट हो सकें : Karan Mahara
उन्होंने कहा कि सबूत मिटाने के लिए रिजॉर्ट में दो बार आग लगवा दी गई ताकि सभी सबूत नष्ट हो सकें। उन्होेंने कहा की यह संगीन अपराध है, आंखिर सरकार किसको बचाना चाहती है। यह गंभीर मामला है इसकी व्यापक जांच होनी चाहिए और जांच प्रभावित न हो पाए इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने पद से त्याग पत्र देना चाहिए।
करन माहरा ने कहा कि अंकिता हत्या काण्ड में एक नया मोड़ आया है कि बुलडोजर चलाने वाले ड्रायवर ने कोर्ट में साफ कहा कि विधायक रेनु बिष्ट और तत्कालीन एसडीएम के आदेश के बाद डोजर चलाया गया था। स्वयं मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर के माध्यम से स्वीकार किया है कि डोजर चलाने का आदेश हमने दिया है, वर्तमान पुलिस महानिदेशक द्वारा भी एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में मुख्यमंत्री के आदेश पर बुलडोजर चलाने की बात स्वीकार की गई हालांकि बाद में कानूनी सलाह पर दोनो के ट्विटर हैंडल से ये पोस्ट हटा दी गई, पर उत्तराखंड कांग्रेस ने दोनों ही पोस्टों के स्क्रीनशॉट संभाल कर रख लिए थे।
उन्होंने कहा कि कब तक महिलाओं और दलितों के साथ अत्याचार होता रहेगा। इतना ही नहीं करन महारा ने हल्द्वानी में एक के बाद एक हुए प्रकरणों पर सरकार को घेरा ऋषिकेश में विनीता भंडारी की 13 दिन बाद मिली जली हुई लाश ,उत्तरकाशी के रिसोर्ट में फांसी के फंदे से लटका अमृता रावत का शव , हल्द्वानी के मूकबधिर और दृष्टिबाधित संस्थान में 113 नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण, हल्द्वानी के ही कारागार में मिले 55 एचआईवी पॉजिटिव लोगों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया।
महारा ने प्रेस वार्ता के माध्यम से मांग करी की अंकिता भंडारी हत्याकांड की व्यापक जांच होनी चाहिए उपरोक्त चारों व्यक्तियों पर जिन्होंने साक्ष्य सबूत मिटाने का गंभीर अपराध किया है उन पर धारा 201 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए और मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए।