हैवानियत: राक्षस बेटे ने ली मां की जान, लिवर-किडनी निकाल पकाकर खाया, हाइकोर्ट ने रखा मौत की सजा को बरकरार

बाबर खान
02 अक्टूबर 2024।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर के माकडवाला वसाहत इलाके से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक 35 साल के बेटे ने अपनी 63 वर्षीय मां को मौत के घाट उतार दिया। माँ ने शराब के लिए पैसे न दिए जाने से नाराज राक्षस बेटे ने इतना खौफनाक कदम उठाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। उसने अपनी मां को जान से मारकर उसके अंदरूनी अंगों को पकाकर खा लिया।

         आरोपी

बताते चले कि आरोपी सुनील कुचकोरवी ने 28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर शहर में अपने आवास पर अपनी 63 वर्षीय मां यल्लामा रामा कुचकोरवी की निर्मम हत्या कर दी थी। हत्या के बाद में उसने शव को काटा और कुछ अंगों को कढ़ाई में तलकर खा लिया था।




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दरअसल, बेटा मां से शराब पीने के लिए पैसे मांग रहा था। हर मां की तरह उस बुजुर्ग महिला ने भी उसे शराब पीने से मना किया। ये बात बेटे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने अपनी ही मां की हत्या कर दी। जब इससे भी उसका मन नही भरा तो हत्या के बाद उसने धारदार हथियार से अपनी मां के टुकड़े-टुकड़े किए और उसके शरीर के अंदरूनी अंग खींच कर बाहर निकालने लगा। राक्षस बेटे ने पहले दिमाग निकाला, फिर चाकू से दिल निकाला। इसके बाद एक-एक कर उसका लिवर, किडनी और आंत बाहर निकले। इसके बाद उसने अपनी मां के दिल, दिमाग, लिवर, किडनी को कढ़ाई में तलकर उसपर नमक-मिर्च लगाकर खाना शुरू कर दिया। पड़ोसियों ने इस भयानक दृश्य को देखते ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची तो हर तरफ खून ही खून था, यहां तक की आरोपी के मुंह पर भी खून लगा हुआ था। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले गई। जहाँ पर आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।



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आरोपी सुनील कुचकोरवी को साल 2021 में स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ उसने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। तीन साल की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने 01 अक्टूबर को कोल्हापुर की अदालत के फैसले को बरकार रखते हुए हाई कोर्ट ने इसे दुर्लभतम से भी दुर्लभतम केस माना है।

करीब तीन साल की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस’ मानते हुए खंडपीठ की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि वह इस दोषी की मौत की सजा की पुष्टि कर रही है। इसमे सुधरने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा ये अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है। दोषी ने हत्या के साथ-साथ उसके शरीर के अंगों को पकाकर खाया है। जेल में भी इस तरह का अपराध कर सकता है।

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