बाबर खान, देहरादून 14 मई 2025।
आज देहरादून में पल्टन बाज़ार की जामा मस्जिद में मुस्लिम सेवा संगठन ने एक प्रैस कांफ्रेंस का आयोजन किया। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता शहर काजी मुहम्मद अहमद क़ासमी ने की। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड में मदरसों, मस्जिदों एवं मजारों को निशाना बनाया जा रहा है वो अत्यंत निंदनीय एवं दुखदाई है, जिसका ताजा उदाहरण दून अस्पताल की दरगाह को ध्वस्त किया जाना है।
मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तराखंड प्रशासन द्वारा अपने तथाकथित आकाओं को खुश करने के लिए प्राचीन दरगाह जो कि दून चिकित्सालय में स्थित थी एवं जिसका विधिवत रजिस्ट्रेशन वक्फ बोर्ड में था, जिसको बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया गया। इस प्रकार की असंवैधानिक कार्यवाही का मुस्लिम सेवा संगठन पुरजोर विरोध करता है तथा इसकी लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक तथा न्यायालय में लड़ी जाएगी। कहा कि उत्तराखंड सरकार तीन (एम)से डरी हुई है (मस्जिद मदरसा और मज़ार ) रात को सपने में भी ये तीन (एम )शायद सरकार को सोने नहीं देते।
इस दौरान संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने कहा सरकार प्रशासन के माध्यम से तीनों (एम) मस्जिद , मदरसा और मजार के विरुद्ध षड्यंत्रपूर्व कार्यवाही करने पर लगा हुआ है। पूर्व में मस्जिदों, मदरसों, और मजारों पर ज8स प्रकार असंवैधानिक कार्यवाही हुई ये किसी से छिपा नहीं है। और हाल ही में बलपूर्वक, छलपूर्वक, दरगाह दून हॉस्पिटल को गिराया गया जबकि दरगाह वक़्फ़ बोर्ड में है तथा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही से पूर्व वक्फ बोर्ड को भी नहीं बताया गया ये अपने आप में अभूतपूर्व मामला है। प्रशासन ने ये कार्यवाही जब की है जब माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी वक्फ संपत्ति पर कार्यवाही ना करने की स्पष्ट निर्देश दिए हुए है। उन्होंने बताया मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा महफूज़ अहमद vs मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार एवं अन्य रिट माननीय उच्च न्यायालय मे दायर की थी जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के उच्च अधिकारियो को अवमानना नोटिस जारी किये है और कल 15 मई अगली तारीख निर्धारित है।
मुस्लिम सेवा संगठन के महासचिव सद्दाम कुरैशी ने कहा हम स्पष्ट कर देना चाहते है कि मुस्लिम आज किसी प्रकार की दमनात्मक कार्यवाही से झुकने या डरने वाला नहीं है। सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से दून दरगाह का ध्वस्तीकरण निंदनीय ही नहीं अपितु अपराधिक कृत्य है। इस कृत्य के विरोध में मुस्लिम सेवा संगठन पुरज़ोर विरोध करता है और करता रहेगा।