मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इसकी न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, अदालत ने अतिरिक्त सीजेएम गरिमा सिंह को मुख्तार अंसारी की मौत की जांच करने और एक महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा। अदालत का यह फ़ैसला तब आया है जब अंसारी के परिजनों ने मौत को लेकर सवाल उठाए हैं। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से हुई हैं।
मुख्तार के बेटे और भाई ने लगाया आरोप
शुक्रवार को मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि उनके पिता को जेल में धीमा जहर देकर उनकी हत्या की गई है। उनके पिता ने उन्हें बताया था कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है। मुख्तार के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजल अंसारी ने भी ऐसा ही आरोप लगाया अफजल ने मंगलवार को मुख्तार अंसारी को अस्पताल लाए जाने पर आईसीयू में भर्ती उनके भाई ने पांच मिनट की मुलाकात के दौरान कहा था कि उन्हें खाने में जहर दिया गया है और 40 दिन पहले भी ऐसा ही हुआ था। उस वक्त अफजल ने अपने भाई का ठीक से इलाज किए जाने की मांग भी की थी। हालांकि उसके बाद डॉक्टरों ने मुख्तार की तबीयत सुधरने का हवाला देते हुए उन्हें वापस जेल भेज दिया था।
विपक्षी दल भी प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जहर देने के आरोप के बावजूद सरकार ने अंसारी के इलाज पर ध्यान नहीं दिया।
राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव ने कहा अंसारी के जहर दिए जाने के आरोपों को ‘गंभीरता से नहीं लिया गया’।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।उत्तर प्रदेश ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए राज्य भर में निषेधाज्ञा जारी की है। पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है, बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बांदा, मऊ, गाज़ीपुर और वाराणसी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।