कांवड़ रुट पर मस्जिद और मजार से हटाए गए पर्दे

बाबर खान
हरिद्वार/ज्वालापुर
26 जुलाई 2024।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों, रेस्टोरेंट, रेहड़ी पर  नेम प्लेट लगाने का मामला थमा ही था कि अब हरिद्वार से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। हरिद्वार में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मस्जिदों के सामने पर्दे लगा कर ढक दिया गया था। जिसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि कावड़ मार्ग पर माहौल खराब न हो इसलिए पर्दे लगाए गए हैं। वहीं, मस्जिदों को पर्दे के पीछे छुपाने के कारण मुस्लिम पक्ष ने नाराजगी जताई है। मामला बढ़ता देख पर्दे हटा दिए गए हैं।

22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो गई है। कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद से अभी तक लाखों शिवभक्तों ने हरिद्वार पहुंचकर गंगाजल भरा। कांवड़ यात्रा शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर रेस्टोरेंट और ढाबों के बाहर नेम प्लेट लगाने के आदेश से खलबली मच गई थी। कई दिनों तक इस मामले में बयानबाजी होती रही। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके बाद यह मामला शांत हो गया। अब हरिद्वार में एक नया मामला सामने आया है।

मस्जिदों को पर्दे से ढकने के मामले ने धर्मनगरी में तूल पकड़ लिया। धर्मनगरी हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर में कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिदों को पर्दे से ढका गया है। कथित तौर पर प्रशासन ने मस्जिदों के बाहर पर्दे लगाए हैं। मस्जिदों के बाहर पर्दे लगने के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच चर्चाएं तेज हो गईं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कई दशकों से कांवड़ यात्रा देखते आ रहे हैं, लेकिन इस तरह का मामला पहली बार सामने आया है। मामला बढ़ता देख प्रशासन ने पर्दो को हटा दिया है।

आर्यनगर के पास कनखल रोड इस्लामनगर की मस्जिद और ऊंचे पुल पर बनी बाबा भुरेशाह की मजार को पर्दे से ढक दिया गया था, लेकिन इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद प्रशासन ने उन्हें उतार दिया। ज्वालापुर स्थित मजार के प्रबंधक शकील अहमद ने कहा कि इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कई दशकों से यहां से कांवड़िए गुजर रहे हैं, वे मजार के बाहर पेड़ की छाया में आराम करते हैं और चाय वगैरह पीते है पता नहीं इस बार ऐसा क्यों किया गया।

कांग्रेस नेता नईम कुरैशी ने कहा कि 65 साल की अपनी उम्र के दौरान उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले प्रशासन ने बैठक की थी। हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों से ही एसपीओ बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में हिंदू और मुसलमान सभी सहयोग करते है।

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