गाजियाबाद के बाद हरिद्वार में भी धर्म संसद पर रोक, संत समाज में आक्रोश

हरिद्वार
20 दिसम्बर 2024।

 

हरिद्वार के जूना अखाड़े में संतों की धर्म संसद को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है, जिसको लेकर संत समाज में आक्रोश है। यति नरसिंहानंद ने इस रोक का विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट में तक पैदल जाने की बात कही है।

हरिद्वार के जूना अखाड़े में शुरू होने वाली संतों की धर्म संसद को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। इससे संत समाज में आक्रोश है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने कहा-प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के नाम पर गुंडागर्दी कर रहा है।

मैं सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन करूंगा। सुप्रीम कोर्ट मुझे जेल में भेजेगा या मेरा कत्ल करवाएगा। इसके लिए मैं तैयार हूं- यति नरसिंहानंद

वहीं संतों का कहना है अनुमति के लिए रक्त से लिखे पत्र मुख्यमंत्री को भेजे हैं। धर्म संसद की अनुमति मिलनी चाहिए थी। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, इसमें बांग्लादेश में मारे गए हिंदुओं को श्रद्धांजलि देनी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया

गाजियाबाद में धर्म संसद को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी यह मामला पहुंचा। जहां सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। याचिका में मुस्लिम समुदाय के बारे में भड़काऊ भाषणों का अंदेशा जताते हुए यूपी प्रशासन पर निष्क्रियता बरतने और हेट स्पीच को लेकर दिये कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया गया था। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से इस तरह के मामले हमारे सामने आ रहे हैं। पर सुप्रीम कोर्ट हर मामले को नहीं सुन सकता। अगर हम एक केस को सुनेंगे तो हमे सबको सुनना होगा आप स्थानीय ऑथोरिटी के पास या फिर हाई कोर्ट जाकर अपनी बात रख सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को सुनिश्चित करने को कहा कि भड़काऊ बयानबाज़ी को लेकर दिए पुराने आदेश का पालन हो। कार्यक्रम के चलते क़ानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। कोर्ट ने कहा कि हम इस केस को सीधे नहीं सुन रहे है, इसका मतलब ये नहीं कि हेट स्पीच की वहां इजाज़त है। जिला प्रशासन वहां नज़र रखे। कार्यक्रम होता है तो उसकी रिकॉर्डिंग की जाए। जिला ऑथोरिटी सुनिश्चित करें कि हमारे पुराने आदेश का पालन हो। क़ानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।

यति नरसिंहानंद क्या बोले

हरिद्वार में हो रही धर्म संसद की अनुमति न मिलने पर यति नरसिंहानंद और संत समाज में आक्रोश है। यति नरसिंहानंद ने कहा-यहां उन लोगों को श्रद्धांजलि देनी थी, जो हिंदू बांग्लादेश में मारे गए हैं। पुलिस प्रशासन ने गुंडागर्दी दिखाते हुए पूरी ताकत लगाकर इसे खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के नाम पर सरकार व प्रशासन ने हमसे गुंडागर्दी की है। परसों हम अपने यज्ञ की पूर्ण आहूति करने के बाद यहां से चल देंगे। सुप्रीम कोर्ट तक पैदल जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में अनशन कर करेंगे। वहां न्यायधीशों से पूछेंगे कि हमारी क्या गलती है? क्या इसलिए की आपका अहंकर संतुष्ट होता है? हम ऐसे ही मारे जाते रहें? हमारी ऐसे ही हत्या ही होती रहे?

मैं सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन करूंगा। सुप्रीम कोर्ट मुझे जेल में भेजेगा या मेरा कत्ल करवाएगा। इसके लिए मैं तैयार हूं। हमारे धैर्य की परिकाष्ठाएं पार हो चुकी हैं। मैं देखूंगा कि सुप्रीम कोर्ट के नाम पर यह गुंडागर्दी क्यों हो रही है? यति नरसिंहानंद का कहना है कि शनिवार तक महायज्ञ चल रहा है, और महायज्ञ की आहुति पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट तक पैदल पदयात्रा की जाएगी।

क्यों नहीं मिली अनुमति

दरअसल 3 साल पहले हरिद्वार में ऐसी ही धर्म संसद हुई थी। इसमें हेट स्पीच का मामला दिल्ली तक गूंजा था। जिसके बाद प्रशासन धर्म संसद को लेकर पूरी तरह सतर्क है। यह धर्म संसद भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में तीन दिन चली थी। इसका विषय ‘इस्लामिक भारत में सनातन का भविष्य’ था।

इसमें स्वामी अमृतानंद, स्वामी सत्यव्रतानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, स्वामी वेदांत प्रकाश सरस्वती, स्वामी परमानंद, स्वामी ललितानंद महाराज, पंडित अधीर कौशिक समेत कई राज्यों के तकरीबन 500 महामंडलेश्वर-संत शामिल हुए थे।

हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई थी। इस साल दिसंबर में भी हरिद्वार में धर्म संसद हो रही है। पहले यह यूपी के गाजियाबाद में होनी थी, लेकिन यूपी पुलिस के नोटिस देने और धर्म संसद की परमिशन नहीं देने पर इसके हरिद्वार में शिफ्ट किया गया है।

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